tag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post1355057881925680997..comments2023-10-26T06:02:59.419-07:00Comments on गिरीश पंकज: नवगीत/ फिर भी जीते रहे ज़िंदगी, कभी न टूटे हम..girish pankajhttp://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-50656285183103190462010-08-10T00:25:57.189-07:002010-08-10T00:25:57.189-07:00भाई पंकज जी लाजवाब नवगीत है । मैंने संजोकर रख लिया...भाई पंकज जी लाजवाब नवगीत है । मैंने संजोकर रख लिया है ।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-38253236791462403192010-07-28T06:29:09.186-07:002010-07-28T06:29:09.186-07:00जाने कब होगा सर्जक का,
बिन बोले सम्मान.
अभी यहाँ प...जाने कब होगा सर्जक का,<br />बिन बोले सम्मान.<br />अभी यहाँ पर कदम-कदम पर,<br />बस केवल अपमान.<br />अंधियारे का अभिनन्दन है,<br />उजियारे का गम...<br /><br />achchha lagaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/04125579342554874427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-83788136246611577562010-07-27T21:54:22.232-07:002010-07-27T21:54:22.232-07:00भईया प्रणाम, आपकी इस खूबसूरत रचना पर आपकी ही शैली ...भईया प्रणाम, आपकी इस खूबसूरत रचना पर आपकी ही शैली में टीप लिखने की इच्छा हो रही है.. (सूरज के समक्ष दीप जलाने जैसी हिमाक़त के लिए मुआफी की दरख्वास्त सहित)<br />"आपकी सब सुन्दर रचना हैं,<br />साहित्य जगत की शान<br />किसमें ताक़त जो कर पाए,<br />स्याही का अपमान.<br />सूर्य गगन में, धरा में सर्जक,<br />हारा दोनों से तम... "S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-24002026358337425822010-07-27T19:04:38.262-07:002010-07-27T19:04:38.262-07:00गिरीश पंकज जी
नमस्कार !
दोहे , कुंडलियां , गीत , ...गिरीश पंकज जी <br />नमस्कार !<br />दोहे , कुंडलियां , गीत , ग़ज़ल , … और अब इनके साथ साथ नवगीत !<br />यह है मां सरस्वती का अपने वरद - पुत्रों को उपहार !<br />वरना डींगें हांकते पाए जाने वाले छद्म रचनाकारों को दो दो , तीन तीन महीनों में भी रो - पिट कर मात्र चार पंक्तियां तुकबंदी की मिलती हैं , और उसके दम पर भी वे गाल बजाते पाए जाते हैं ।<br />आपने साबित कर दिया कि मात्र पंकज कहलाना ही कमल हो जाना नहीं होता । कमल होने के लिए साधना द्वारा वरदा का वरदान पाना होता है ।<br />प्रसंगवश कह गया यह तो …वरना मेरे मन की बात तो आपका पूरा नवगीत स्वयं कह रहा है …<br /><br /><b>हमने देखा गूंगे-बहरे,<br />इधर-उधर स्थापित.<br />और बोलने वाले थे जो,<br />हुए सदा विस्थापित.</b> <br /><br /><b>चाटुकार हो गयी हवाएं,<br />नाच रहीं छमछम.</b><br /> <br /><b>चरणों पर गिरने वाले ही,<br />अब हैं सर्वोत्तम...</b> <br /><br /><b>जाने कब होगा सर्जक का,<br />बिन बोले सम्मान.<br />अभी यहां पर कदम-कदम पर,<br />बस केवल अपमान.<br />अंधियारे का अभिनन्दन है</b> <br /><br />बहुत अच्छा नवगीत है भाईजी !<br /><br />मुक्त हृदय से बधाइयां !<br />इस रंग को जारी रखें …<br />- राजेन्द्र स्वर्णकार <br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">शस्वरं</a></b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-5494235753763475742010-07-27T11:37:08.301-07:002010-07-27T11:37:08.301-07:00गिरीश भाई बहुत अच्छी रचना है, एक बन्द मेरी ओर से ज...गिरीश भाई बहुत अच्छी रचना है, एक बन्द मेरी ओर से जोड़ लीजिये---- <br /><br />कार पड़ोसी ले आया है<br />अब जीना दूभर <br />बीवी कहती तुम भी लाओ <br />हाँ, कर्जा लेकर <br />खड़ी रहेगी दरवाजे पर <br />चौपहिया हरदम..... Subhash Raihttps://www.blogger.com/profile/15292076446759853216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-17096465094496656092010-07-27T09:17:54.328-07:002010-07-27T09:17:54.328-07:00कमाल की रचना चाचा जी....कुछ दिन ग़ज़ल पेश करने के ...कमाल की रचना चाचा जी....कुछ दिन ग़ज़ल पेश करने के बाद आज भी गीत के रूप में एक नायाब रचना....सुंदर गीत..बधाई चाचा जीविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-67412781270676492702010-07-27T01:48:52.498-07:002010-07-27T01:48:52.498-07:00आपकी यह प्रस्तुति कल २८-७-२०१० बुधवार को चर्चा मंच...आपकी यह प्रस्तुति कल २८-७-२०१० बुधवार को चर्चा मंच पर है....आपके सुझावों का इंतज़ार रहेगा ..<br /><br /><br />http://charchamanch.blogspot.com/संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-66169368737614938522010-07-27T01:48:41.810-07:002010-07-27T01:48:41.810-07:00बहुत बढ़िया और सार्थक रचना ! आभार !बहुत बढ़िया और सार्थक रचना ! आभार !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-82228123746135508052010-07-27T00:22:00.121-07:002010-07-27T00:22:00.121-07:00कभी तो रौशनी आएगी.....बहुत सुन्दर भाव गीतकभी तो रौशनी आएगी.....बहुत सुन्दर भाव गीतसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-78797437179963748782010-07-27T00:05:48.012-07:002010-07-27T00:05:48.012-07:00जाने कब होगा सर्जक का,
बिन बोले सम्मान.
अभी यहाँ प...जाने कब होगा सर्जक का,<br />बिन बोले सम्मान.<br />अभी यहाँ पर कदम-कदम पर,<br />बस केवल अपमान.<br />अंधियारे का अभिनन्दन है,<br />उजियारे का गम...<br /><br />बस यही तो गम है मगर फिर भी वो सुबह कभी तो आयेगी।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-45405043731782568082010-07-26T23:44:44.081-07:002010-07-26T23:44:44.081-07:00अरे वाह, गूंगे बहरे वाली बात अच्छी लगी ।अरे वाह, गूंगे बहरे वाली बात अच्छी लगी ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-87100419746417506882010-07-26T22:43:58.753-07:002010-07-26T22:43:58.753-07:00हमने देखा गूंगे-बहरे,
इधर-उधर स्थापित.
और बोलने वा...हमने देखा गूंगे-बहरे,<br />इधर-उधर स्थापित.<br />और बोलने वाले थे जो,<br />हुए सदा विस्थापित.<br />जिनको हक मिलना था उनको,<br />नहीं मिला हरदम...<br />....bahut sundar evam saarthak geet.badhaai.arvindhttps://www.blogger.com/profile/15562030349519088493noreply@blogger.com