tag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post2488375350197072761..comments2023-10-26T06:02:59.419-07:00Comments on गिरीश पंकज: एक मार्मिक अपील ललित शर्मा से...girish pankajhttp://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-35197425076997466342010-04-10T21:15:08.513-07:002010-04-10T21:15:08.513-07:00गिरीश जी की बात से पूर्णत: सहमत....गिरीश जी की बात से पूर्णत: सहमत....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-14523151716635398112010-04-10T05:20:02.152-07:002010-04-10T05:20:02.152-07:00मुद्दा तो खैर पता नहीं...लेकिन इतना जरूर जानते हैं...मुद्दा तो खैर पता नहीं...लेकिन इतना जरूर जानते हैं कि आजकल ब्लागिंग में जो भी हो रहा है, बेहद बुरा हो रहा है....उम्मीद करते हैं भाई ळलित जी थोडा समझदारी से काम लेंगें...Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-73673709138317065662010-04-10T04:23:29.824-07:002010-04-10T04:23:29.824-07:00गिरीश भाई , रचनात्मक लेखन जारी रखें ,आपके उपन्यासो...गिरीश भाई , रचनात्मक लेखन जारी रखें ,आपके उपन्यासों की प्रतीक्षा है । ललित भाई तो जल्द ही लौट आयेंगे ..यह सब मनुष्य के सहज स्वभाव के अंतर्गत है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-50228405345258516722010-04-10T03:30:23.320-07:002010-04-10T03:30:23.320-07:00ललित भाई के प्रकरण में प्रयास जारी हैं...अभी कुछ न...ललित भाई के प्रकरण में प्रयास जारी हैं...अभी कुछ नहीं कह सकता...लेकिन हो सकता है आपको जल्दी ही अच्छी खबर मिले...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-15982040567271381882010-04-10T01:02:34.827-07:002010-04-10T01:02:34.827-07:00्बहुत कठिन है डगर पनघट की
मगर चलते रहना ही ज़िन्दगी...्बहुत कठिन है डगर पनघट की<br />मगर चलते रहना ही ज़िन्दगी है…………………।रुकना या घबराकर छोड देना गलत है फिर हम जैसो का क्या होगा? वापस आ जाइये और अपने कर्म क्षेत्र से जुड जाइये।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-80009145683938652202010-04-09T23:41:19.462-07:002010-04-09T23:41:19.462-07:00sahee baat kahee hai avinash ji aapne. aur doosare...sahee baat kahee hai avinash ji aapne. aur doosare bhaiyo ne bhi..umeed hai in sub pratikriyaaon ka kuchh to asar hoga hi. aur apne fauji bhai fir se maidan-e-blogin mey aa jayenge..girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-82108105535443092622010-04-09T23:34:06.942-07:002010-04-09T23:34:06.942-07:00गिरीश पंकज जी से संपूर्णत: सहमत। पर इस विधा के उन्...गिरीश पंकज जी से संपूर्णत: सहमत। पर इस विधा के उन्नयन के लिए सब कुछ सहना पड़ेगा। पर इसे छोड़ना उचित हल नहीं है। उचित हल मेरी राय में तो अपनी पूरी ऊर्जा से जुटे रहना है। जो गलत हैं उनको भी बदलने की कोशिश करते रहनी चाहिए। आखिर एक दिन फतह सच्चाई की ही होगी।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-71387390007580539442010-04-09T23:06:48.871-07:002010-04-09T23:06:48.871-07:00नेट से सम्बन्ध!
एक क्लिक में शुरू
एक केलिक में बन्...नेट से सम्बन्ध!<br />एक क्लिक में शुरू<br />एक केलिक में बन्द! .डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-15392417079816242422010-04-09T21:28:06.417-07:002010-04-09T21:28:06.417-07:00इतनी लम्बी मूंछ वाले इतने भावुक ह्रदय भी हो सकते ह...इतनी लम्बी मूंछ वाले इतने भावुक ह्रदय भी हो सकते हैं ??? आम आदमी विश्वास नहीं करेगा ! मैंने आपको अधिक तो नहीं पढ़ा है ललित भाई मगर अंदाज़ा है की आप अच्छे इंसान हैं ! ब्लाग जगत के आभासी संसार में हर इंसान की एक दुनिया बन जाती है, उसे छोड़ कर जाना जमा नहीं , यहाँ वैसे ही अच्छों की कमी है ! <br />मेरा अनुरोध है कि आप लिखना भले ही कम कर दें ...अपने कामों में ध्यान दें और जब समय मिले तभी लिखें ...जिससे यह मूंछ वाला जनरल हमें दिखता तो रहे ! आपके फैसले का कारण मुझे नहीं मालूम मगर मेरे एक तीर से बचो <br />"पलायन वादी को कायर भी कहा जाता "<br />आपका अपना <br />सतीश सक्सेनाSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-45397107738144920482010-04-09T20:38:04.573-07:002010-04-09T20:38:04.573-07:00रातों रात आखिर यह सब क्या हुआ? इस तरह पलायन तो उचि...रातों रात आखिर यह सब क्या हुआ? इस तरह पलायन तो उचित नही है. और अगर कुछ पारिवारिक/सामाजिक कारण हैं तो ये अलग बात है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-88952571576150586272010-04-09T20:08:22.902-07:002010-04-09T20:08:22.902-07:00मैं तो हर एक ब्लागर से यही कहता हूं कि जारी रखें, ...मैं तो हर एक ब्लागर से यही कहता हूं कि जारी रखें, किसी भी हलचल से बेअसर हो...<br />बस वेद-कुरान और स्वच्छ संदेश वाले जरूर इसका अपवाद हैं, वे अगर चले भी जायें तो कोई फर्क नहीं पड़ता...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-19085344376926151732010-04-09T19:53:47.346-07:002010-04-09T19:53:47.346-07:00.....ललित भाई पान की दुकान पर जाओ ... पान खाओ और ग........ललित भाई पान की दुकान पर जाओ ... पान खाओ और गुस्सा थूको .... फ़िर एक झन्नाटेदार पोस्ट चिपकाओ .... पोस्ट का इंतजार है!!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-48727765842016336352010-04-09T19:41:01.449-07:002010-04-09T19:41:01.449-07:00niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-82910090625899233782010-04-09T19:01:46.954-07:002010-04-09T19:01:46.954-07:00एक आग्रह : ललित जी पुनर्विचार करें.एक आग्रह : ललित जी पुनर्विचार करें.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-79708344854285763562010-04-09T18:51:10.997-07:002010-04-09T18:51:10.997-07:00कुछ ऐसा हुआ है जिससे ललित जी के मन को ठेस पहुंची ह...कुछ ऐसा हुआ है जिससे ललित जी के मन को ठेस पहुंची है। मैं भी अचंभित हूँ। पृष्ठभूमि में जो कुछ हुआ, उनकी जगह मैं होता तो शायद यही निर्णय लेता।<br /><br />फिर भी एक आग्रह है उनसे कि विशिष्ठ शैली वाला अपना लेखन जारी रखते हुए दुगुनी ऊर्जा के साथ नई परिकल्पना में लग जाएँ।<br /><br />ऑर्कूट पर मैंने लिख रखा है- जब आप समझते हैं कि सब कुछ खतम हो गया, दरअसल शुरूआत तभी होती है।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-90371297022591369092010-04-09T18:09:57.337-07:002010-04-09T18:09:57.337-07:00मारा निवेदन भी शामिल मानेंमारा निवेदन भी शामिल मानेंGyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-74625823635169840392010-04-09T17:53:34.150-07:002010-04-09T17:53:34.150-07:00आपकी प्रार्थना में हमारा निवेदन भी शामिल मानें. लल...आपकी प्रार्थना में हमारा निवेदन भी शामिल मानें. ललित भाई को पुनर्विचार करना चाहिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-91936254835915385022010-04-09T12:49:54.478-07:002010-04-09T12:49:54.478-07:00This comment has been removed by a blog administrator.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-69676390413121611172010-04-09T12:26:56.248-07:002010-04-09T12:26:56.248-07:00तुम हिम्मत न हारो. अपने ललित-विचारों से ब्लागिंग र...तुम हिम्मत न हारो. अपने ललित-विचारों से ब्लागिंग रूपी बाग़ को महकाते रहो. यही मेरी....हम सब की प्रार्थना है.<br />यह प्रार्थना अवश्य रंग लाएगी .. ललित शर्मा जी ब्लॉगिंग में वापस लौट आएंगे !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-43157086432183535052010-04-09T11:38:47.186-07:002010-04-09T11:38:47.186-07:00ललित जी के द्वारा ब्लॉग्गिंग को छोड़ने का निर्णय ले...ललित जी के द्वारा ब्लॉग्गिंग को छोड़ने का निर्णय लेने अपने आप में यही कहता है कि कुछ ना कुछ ऐसा ज़रूर हुआ है जिससे हमारे मित्र के मन को ठेस पहुंची है...ऐसा होना दुखद है...<br />ललित जी आप तो बहादुर हैं....आप ही अगर ऐसी कमजोरी भरी बातें करेंगे तो हम जैसों का क्या होगा?... ऐसे विचलित हो कर हम सब का साथ छोड़ने का आपका ये फैंसला कतई सही नहीं है...कृपया कर आप अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करें .... <br />गिरीश जी, आपकी-हमारी ये मार्मिक अपील ज़रूर रंग लाएगी और ऊपरवाले ने चाहा तो जल्द ही हम ललित जी को फिर अपने बीच यहीं पर ब्लॉग्गिंग करते हुए पाएंगेराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.com