tag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post5165294835038654996..comments2023-10-26T06:02:59.419-07:00Comments on गिरीश पंकज: नई ग़ज़ल / सभी के हैं शिखर अपने जहाँ भी जो खड़े हैं जीgirish pankajhttp://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-31875843383171652062011-07-02T22:29:52.445-07:002011-07-02T22:29:52.445-07:00हम भी अपनी आहुति से सींच देगें
आदरणीय पंकज जी आज क...<b>हम भी अपनी आहुति से सींच देगें</b><br />आदरणीय पंकज जी आज के संमार्ग (कोलकाता) में आपका एक लेख प्रकाशित हुआ पढ़कर अच्छा लगा कि अभी भी लोकतंत्र की नींव काफी मजबूत है जहाँ आप जैसे कलमकार जीवित हैं, इसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। एक बार तो संमार्ग के एक संपादकिय लेख को पढ़कर बड़ी निराशा हुई इससे पहले भी सन्मार्ग के कुछ संपादकीय मुर्खता पुर्ण मानसिकता से भरे हुए थे। खैर छोड़िये इन बातों को। वर्तमान काल की भाषा में सिर्फ सरकारी तानाशाहों को ही पूरी आजादी प्राप्त है देश की बात कहने की कहने की बाकी कोई व्यक्ति अब कुछ कहने का अधिकार ही नहीं रखता अन्यथा संसद की मर्यादा भंग हो जायेगी, मानो लग रहा हो कि हम किसी गुप्त आपातकाल के दौर से गुजर रहे हैं। जबकि भारतीय संविधान के तहत ‘‘ जनता के प्रतिनिधि- जनता के द्वारा और जनता के लिए।’’ ही खुद को चुने हुए एवं बाकी को अलग मानते हंै और इसी भाषा का प्रयोग कुछ मीडिया और समाचार पत्र वाले करें तो क्या कहा जा सकता है। इनकी तो रोजी-रोटी का सवाल जुड़ा हुआ है इनसे। भला इनसे पंगा लेकर कैसे ये लोग अपना धन्धा कैसे चला पायेगें? सो रोजी रोटी से समझौता करके भला कोई अन्ना हजारे और अरविन्द केजड़ीवाल की इस लड़ाई को क्यों साथ देगा। परन्तु आपकी इस पंक्ति से अपनी बातों को विराम दूंगा -<br /><b><i>इन्हें मत रोप देना ये फसल बर्बाद कर देंगे<br />ये हैं वो बीज भीतर से गले या के सड़े हैं जी।</i></b><br />आपके इस बीज रोपन कार्य को हम भी अपनी आहुति से सींच देगें।<br />शुभकामनाओं के साथ आपका ही- <b>शम्भु चौधरी</b>Shambhu Choudharyhttps://www.blogger.com/profile/03776713428128546589noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-41659254373810591472011-07-01T00:21:52.421-07:002011-07-01T00:21:52.421-07:00प्रणाम !
रहे गलती पे हरदम किन्तु उनका दम्भ तो देखो...प्रणाम !<br />रहे गलती पे हरदम किन्तु उनका दम्भ तो देखो<br />बड़े बेशर्म हो कर अपनी जिद पर बस अड़े हैं जी<br />वाह! खूबसूरत गजल !<br /> बधाई <br />सादरसुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-51350311988881347352011-06-30T19:57:11.076-07:002011-06-30T19:57:11.076-07:00आज की मानव हकीकत और दंभ को कागज़ पर उतार दिया गिरी...<b>आज की मानव हकीकत और दंभ को कागज़ पर उतार दिया गिरीश भाई ....बड़े लोग बुरा मान जायेंगे :-)<br />हार्दिक शुभकामनायें और आभार इस प्यारी रचना के लिए ! </b>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-27122623372204333422011-06-29T11:26:58.267-07:002011-06-29T11:26:58.267-07:00इन्हें मत रोप देना ये फसल बर्बाद कर देंगे
ये हैं व...इन्हें मत रोप देना ये फसल बर्बाद कर देंगे<br />ये हैं वो बीज भीतर से गले या के सड़े हैं जी<br />बहुत खुब जी एक बहुत अच्छी गजलराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-82319719428292723912011-06-29T07:49:06.540-07:002011-06-29T07:49:06.540-07:00बहुत ही उम्दा ग़ज़ल है भईया... आनंद आ गया....
सादर...बहुत ही उम्दा ग़ज़ल है भईया... आनंद आ गया....<br />सादर..S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-56487074106748363532011-06-29T00:37:31.994-07:002011-06-29T00:37:31.994-07:00यहाँ होता है ऐसा भी कोई पत्थर चमक जाए
मगर पंकज कई...यहाँ होता है ऐसा भी कोई पत्थर चमक जाए <br />मगर पंकज कई हीरे अभी यूं ही पड़े हैं जी <br />......bahut badhiya ghajal.arvindhttps://www.blogger.com/profile/15562030349519088493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-79714249534190306522011-06-29T00:23:32.724-07:002011-06-29T00:23:32.724-07:00हमें यूं ही नहीं मिल पाई है उपलब्धि जीवन में
ज़माने...हमें यूं ही नहीं मिल पाई है उपलब्धि जीवन में<br />ज़माने के हरेक शातिर से कितना हम लड़े हैं जी<br />सच्चाइयो को प्रस्तुत करती बेहद शानदार गज़ल्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-11878351420100461192011-06-28T23:01:11.452-07:002011-06-28T23:01:11.452-07:00bahut badhiya aur sach..bahut badhiya aur sach..शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-92193563412400172832011-06-28T13:15:33.850-07:002011-06-28T13:15:33.850-07:00गिरीश जी बहुत बढ़िया गज़ल कही है.. बधाई..गिरीश जी बहुत बढ़िया गज़ल कही है.. बधाई..Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-81245761751742141912011-06-28T11:41:44.551-07:002011-06-28T11:41:44.551-07:00हमें यूं ही नहीं मिल पाई है उपलब्धि जीवन में
ज़माने...हमें यूं ही नहीं मिल पाई है उपलब्धि जीवन में<br />ज़माने के हरेक शातिर से कितना हम लड़े हैं जी<br />अभी तो दूर है मंजिल हमें कुछ और चलना है<br />अभी तो चार कदमों तक ही केवल पग बढ़े हैं जी<br /><br /><br />सभी शेर एक से बढ़कर एक..... वाह!Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-15699051157549321232011-06-28T10:29:51.331-07:002011-06-28T10:29:51.331-07:00जय हो
रऊवां त एकदमे छा गईनी महाराज ,जय हो<br /><br />रऊवां त एकदमे छा गईनी महाराज ,Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-4906680162524703472011-06-28T08:33:08.735-07:002011-06-28T08:33:08.735-07:00हमें यूं ही नहीं मिल पाई है उपलब्धि जीवन में
ज़मान...हमें यूं ही नहीं मिल पाई है उपलब्धि जीवन में<br />ज़माने के हरेक शातिर से कितना हम लड़े हैं जी<br />bahut hi badhiyaaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-17157409136037031042011-06-28T08:24:55.097-07:002011-06-28T08:24:55.097-07:00सफलता उनके माथे पर सदा चंदन लगाती है
जो ईमां और उस...सफलता उनके माथे पर सदा चंदन लगाती है<br />जो ईमां और उसूलों के सवालों पर कड़े हैं जी<br /><br /><br />बहुत खूबसूरत गज़ल ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-45923324599108318972011-06-28T08:21:26.265-07:002011-06-28T08:21:26.265-07:00रहे गलती पे हरदम किन्तु उनका दम्भ तो देखो
बड़े बेश...रहे गलती पे हरदम किन्तु उनका दम्भ तो देखो<br />बड़े बेशर्म हो कर अपनी जिद पर बस अड़े हैं जी <br /><br />वाह! क्या खूबसूरत गजल कही है आपने !Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-9127984980297437622011-06-28T08:11:01.016-07:002011-06-28T08:11:01.016-07:00कहीं पर वे बड़े होंगे कहीं पर हम बड़े हैं जी
सभी क...कहीं पर वे बड़े होंगे कहीं पर हम बड़े हैं जी<br />सभी के हैं शिखर अपने जहाँ भी जो खड़े हैं जी<br /><br />...बहुत सार्थक और सटीक सोच...लाज़वाब गज़ल.Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-87947095842019959812011-06-28T07:19:50.458-07:002011-06-28T07:19:50.458-07:00सफलता उनके माथे पर सदा चंदन लगाती है
जो ईमां और उस...सफलता उनके माथे पर सदा चंदन लगाती है<br />जो ईमां और उसूलों के सवालों पर कड़े हैं जी<br /><br />इन्हें मत रोप देना ये फसल बर्बाद कर देंगे<br />ये हैं वो बीज भीतर से गले या के सड़े हैं जी<br /><br />बहुत बेहतरीन....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.com