tag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post8419049616392334070..comments2023-10-26T06:02:59.419-07:00Comments on गिरीश पंकज: तेज़ाब से जली पाँच कविताऍgirish pankajhttp://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-77453314238695186222014-10-01T06:19:34.603-07:002014-10-01T06:19:34.603-07:00बहुत ही सुन्दर और रहिस्य से भरी पँक्तिया
आपना ब्लॉ...बहुत ही सुन्दर और रहिस्य से भरी पँक्तिया<br />आपना ब्लॉग<a href="http://rsdiwraya.blogspot.com/2014/09/blog-post_4.html" rel="nofollow">सफर आपका ब्लॉग ऍग्रीगेटर</a>पर लगाया गया हैँ । यहाँ पधारैRs Diwrayahttps://www.blogger.com/profile/02366781354476978865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-58473706387496379722014-07-22T21:16:48.169-07:002014-07-22T21:16:48.169-07:00सामने दर्पण में एक चेहरा दिखता है - भारत माँ का - ...सामने दर्पण में एक चेहरा दिखता है - भारत माँ का - झुलसा हुआ सा , शर्मसार ।Dayanand Aryahttps://www.blogger.com/profile/05806267941810654316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-49184996970962934382014-05-11T08:06:42.733-07:002014-05-11T08:06:42.733-07:00बहुत ही मर्मस्पर्शी रचना....
बहुत ही मर्मस्पर्शी रचना....<br />मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-73867345588654053832014-05-11T00:04:28.108-07:002014-05-11T00:04:28.108-07:00बहुत ही सुंदर लाजबाब क्षणिकाए ...!
मातृदिवस की हा...बहुत ही सुंदर लाजबाब क्षणिकाए ...! <br />मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।<br /><br /><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2014/05/blog-post.html#links" rel="nofollow"> आम बस तुम आम हो</a><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-65249411402613874032014-05-11T00:01:53.862-07:002014-05-11T00:01:53.862-07:00This comment has been removed by the author.धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-16882937969422429722014-05-10T23:06:36.577-07:002014-05-10T23:06:36.577-07:00आभारी हूँ गिरीश जी!आभारी हूँ गिरीश जी!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-76705117900934783252014-05-10T22:39:40.968-07:002014-05-10T22:39:40.968-07:00प्रतिभाजी, आपके सुझाव को मान कर कविता मे संशोधन कि...प्रतिभाजी, आपके सुझाव को मान कर कविता मे संशोधन किया है girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-23658193489442405132014-05-10T12:59:15.691-07:002014-05-10T12:59:15.691-07:00झकझोर देती है ऐसी अभिव्यक्ति पंकज जी,बस एक बात खटक...झकझोर देती है ऐसी अभिव्यक्ति पंकज जी,बस एक बात खटकी.<br />तेज़ाब फेंकनेवाले को असलियत बताने के लिए माँ-बहन ,चाहे उसी की हों ,सामने खड़ा करना जरूरी है?एक बार और नारी दाँव पर , शरीर चाहे न झुलसे उन नारियों की आत्मा तक दग्ध हो जाएगी.<br />उस पातकी को दंड देने का माध्यम फिर स्त्री? प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-87733184967890755992014-05-10T10:33:18.198-07:002014-05-10T10:33:18.198-07:00सच में आज तेजाब खुद पर ही शर्मसार है सच में आज तेजाब खुद पर ही शर्मसार है Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-69308104679437637692014-05-10T10:33:16.842-07:002014-05-10T10:33:16.842-07:00सच में आज तेजाब खुद पर ही शर्मसार है सच में आज तेजाब खुद पर ही शर्मसार है Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-91297258089122927252014-05-10T09:16:40.148-07:002014-05-10T09:16:40.148-07:00सभी क्षणिकाएं बहुत ही मार्मिक हैं । सभी क्षणिकाएं बहुत ही मार्मिक हैं । गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-50671983714109088902014-05-10T06:34:00.594-07:002014-05-10T06:34:00.594-07:00तेज़ाब फेंकने वाले को
फ़ांसी मत दो
मारो-पीटो भी मत
ब...तेज़ाब फेंकने वाले को<br />फ़ांसी मत दो<br />मारो-पीटो भी मत<br />बस तेज़ाब ले कर खड़े हो जाओ<br />उसकी बहन या माँ के सामने<br />शायद..... शायद<br />मर ही जाये वो अपने आप<br /><br />बहुत ही दर्दभरी क्षणिकाएं।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-31315242512306900602014-05-09T19:36:45.020-07:002014-05-09T19:36:45.020-07:00इतने सारे चेहरे एक तेज़ाब के और सब के सब झुलसे हुये...इतने सारे चेहरे एक तेज़ाब के और सब के सब झुलसे हुये... ऐतम बम बनाने वाले ने कब सोचा था कि हिरोशिमा और नागासाकी इसके परिणाम होंगे.. तेज़ाब का पानी-पानी होना बहुत शानदार कथन लगा!! सारी की सारी क्षणिकाएँ विशिष्ट हैं!! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7822099577987030692.post-67413756716319263282014-05-09T04:20:14.874-07:002014-05-09T04:20:14.874-07:00उफ़ ... दूसरी वाली क्षणिका सबसे ज्यादा प्रभावशाली ल...उफ़ ... दूसरी वाली क्षणिका सबसे ज्यादा प्रभावशाली लगी.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.com