ग़ज़ल/ झूठे लोगों ने चुनाव में
>> Monday, July 17, 2023
इश्तहार तो आकर्षक हैं पर कितनी सच्चाई है
झूठे लोगों ने चुनाव में महफ़िल बड़ी सजाई है
वादे, जुमले, मुस्कानें और कुछ नकली आँसू
ऐसा करके लोगों ने फिर से सरकार बनाई है
आपस में मिलकर रहने वाले अब लड़ते हैं
पता नहीं बस्ती में किसने आ कर आग लगाई है
यह मेरा, वो तेरा वोटर जात- धर्म में बंटे सभी
राजनीति की कुटिल मंथरा बहुत बड़ी हरजाई है
पहले की हर एक योजना कहाँ गई कुछ पता नहीं
कुरसी पाने फिर से सत्ता नई योजना लाई है
@ गिरीश पंकज