हर आँगन में दीप जले
हर दिन हो सबकी दीवाली,
दीप ध्यान यह रखना तुम
हर दिन हो सबकी दीवाली,
दीप ध्यान यह रखना तुम
सिर्फ अमीरों के अंगने में,
जा कर के ना जलना तुम।
खुशी एक बेटी है प्यारी
हर घर फूले और फले।।
सबके हिस्से में हो उत्सव,
नहीं रहे कोई निर्धन।
धन की खातिर कोई न तरसे,
धनतेरस में हो 'खन-खन'.
वो सपना साकार रहे जो,
सपना बारम्बार पले।।
कुछ लोगों की दीवाली है,
बाकी का दीवाला क्यों ?
समझ न आये कुछ लोगों का,
अंतर्मन है काला क्यों ?
कसम हमें इस बार अन्धेरा,
झोंपड़ियों को नहीं छले।।
हर आँगन में दीप जले।
जा कर के ना जलना तुम।
खुशी एक बेटी है प्यारी
हर घर फूले और फले।।
सबके हिस्से में हो उत्सव,
नहीं रहे कोई निर्धन।
धन की खातिर कोई न तरसे,
धनतेरस में हो 'खन-खन'.
वो सपना साकार रहे जो,
सपना बारम्बार पले।।
कुछ लोगों की दीवाली है,
बाकी का दीवाला क्यों ?
समझ न आये कुछ लोगों का,
अंतर्मन है काला क्यों ?
कसम हमें इस बार अन्धेरा,
झोंपड़ियों को नहीं छले।।
हर आँगन में दीप जले।
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति,,,,
ReplyDeleteदीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें |
RECENT POST:....आई दिवाली,,,100 वीं पोस्ट,
म्यूजिकल ग्रीटिंग देखने के लिए कलिक करें,
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
ReplyDeleteदीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
ReplyDeleteहर आंगन में दीप जले
हर दिन हो सबकी दीवाली,
दीप ध्यान यह रखना तुम
सिर्फ अमीरों के अंगने में,
जा कर के ना जलना तुम।
खुशी एक बेटी है प्यारी
हर घर फूले और फले
बहुत सुंदर भाईजी गिरीश पंकज जी !
अच्छी रचना है …
बनी रहे त्यौंहारों की ख़ुशियों हमेशा…
ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
♥~*~दीपावली की मंगलकामनाएं !~*~♥
ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
सरस्वती आशीष दें , गणपति दें वरदान
लक्ष्मी बरसाएं कृपा, मिले स्नेह सम्मान
**♥**♥**♥**●राजेन्द्र स्वर्णकार●**♥**♥**♥**
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उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.....सशक्त रचना......
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