''सद्भावना दर्पण'

दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पुरस्कृत ''सद्भावना दर्पण भारत की लोकप्रिय अनुवाद-पत्रिका है. इसमें भारत एवं विश्व की भाषाओँ एवं बोलियों में भी लिखे जा रहे उत्कृष्ट साहित्य का हिंदी अनुवाद प्रकाशित होता है.गिरीश पंकज के सम्पादन में पिछले 20 वर्षों से प्रकाशित ''सद्भावना दर्पण'' पढ़ने के लिये अनुवाद-साहित्य में रूचि रखने वाले साथी शुल्क भेज सकते है. .वार्षिक100 रूपए, द्वैवार्षिक- 200 रूपए. ड्राफ्ट या मनीआर्डर के जरिये ही शुल्क भेजें. संपर्क- 28 fst floor, ekatm parisar, rajbandha maidan रायपुर-४९२००१ (छत्तीसगढ़)
&COPY गिरीश पंकज संपादक सदभावना दर्पण. Powered by Blogger.

पहला kadam

>> Thursday, August 6, 2009

बड़े अरमान से rakkha है बलम पहला कदम.. ब्लॉग की दुनिया मे। मन मे बहुत कुछ है। सामने आता रहेगा। गिरीश पंकज
पेश है एक ग़ज़ल
आपकी शुभकामनाये साथ है
क्या हुआ गर कुछ बलाए साथ है
haरने का अर्थ यह भी जानिए,
जीत की सम्भावनाये साथ है
इस अंधेरे को fतह कर लेंगे हम
रौशनी की कुछ कथाये साथ है
मर ही जाता में शहर में बच गया
गाव की शीतल हवाए साथ है

1 टिप्पणियाँ:

ACHARYA RAMESH SACHDEVA September 19, 2009 at 1:28 AM  

WAH WAH
BAHUT KHOOB

सुनिए गिरीश पंकज को

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