''सद्भावना दर्पण'

दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पुरस्कृत ''सद्भावना दर्पण भारत की लोकप्रिय अनुवाद-पत्रिका है. इसमें भारत एवं विश्व की भाषाओँ एवं बोलियों में भी लिखे जा रहे उत्कृष्ट साहित्य का हिंदी अनुवाद प्रकाशित होता है.गिरीश पंकज के सम्पादन में पिछले 20 वर्षों से प्रकाशित ''सद्भावना दर्पण'' पढ़ने के लिये अनुवाद-साहित्य में रूचि रखने वाले साथी शुल्क भेज सकते है. .वार्षिक100 रूपए, द्वैवार्षिक- 200 रूपए. ड्राफ्ट या मनीआर्डर के जरिये ही शुल्क भेजें. संपर्क- 28 fst floor, ekatm parisar, rajbandha maidan रायपुर-४९२००१ (छत्तीसगढ़)
&COPY गिरीश पंकज संपादक सदभावना दर्पण. Powered by Blogger.

>> Sunday, September 13, 2009


आज हिंदी दिवस है प्रस्तुत है एक व्यंग्य कविता-


वह एक बूढी औरत
एक बूढी औरत....
राजघाट पर बैठे-बैठे रो रही थी
जाने किसका पाप था जो
अपने आंसुओं से धो रही थी
मैंने पूछा- माँ , तुम कौन?
मेरी बात सुन कर
वह बहुत देर तक रही मौन
लेकिन जैसे ही उसने अपना मुह खोला
लगा दिल्ली का सिंहासन डोला
वह बोली-अरे, तुम जैसी नालायको के कारण शर्मिंदा हूँ,
जाने अब तक क्यो जिंदा हूँ
अपने लोगो की उपेक्षा के कारण
तार-तार हूँ, चिंदी हूँ,
मुझे गौ से देख...
मै राष्ट्रभाषा हिन्दी हूँ
जिसे होना था महारानी
आज नौकरानी है
हिन्दी के आँचल में है सद्भाव
मगर आँखों में पानी है
गोरी में को दिल्ली की गद्दी और मुझे बनवास
कदम-कदम पर होता रहता है मेरा उपहास
सारी दुनिया भारत को देख कारण चमत्कृत है
एक भाषा-माँ अपने ही घर में बहिष्कृत है
बेटा, मै तुम लोगों के पापो को ही
बासठ वर्षो से बोझ की तरह ढो रही हूँ
कुछ और नही क्र सकती इसलिए रो रही हूँ
अगर तुम्हे मेरे आंसू पोंछने है तो आगे आओ
सोते हुए देश को जगाओ
और इस गोरी मेम को हटा कर
मुझे गद्दी पर बिठाओ
अरे, मै हिन्दी हूँ
मुझसे मत डरो
हर भाषा को लेकर चलती हूँ
और सबके साथ
दीपावली के दीपक-सा जलती हूँ

गिरीश पंकज

3 टिप्पणियाँ:

रज़िया "राज़" September 14, 2009 at 12:08 AM  

अभी आस है। क्योंकि हिन्दी हमारे पास है।

Anonymous September 14, 2009 at 3:42 AM  

hello i am etips blogger. bahut badhiya itna achhchha likhne ke liye dhanybaad. aur kaise kahu ki aap kitna sundar likh rahe hai. aur ha mere blog par jarur aayen aur aap apne blog par etips blog ka naya logo lagayen. to mujhe khushi hogi. jo etips blog ke side bar me maujud hai..

Anonymous September 14, 2009 at 3:43 AM  

aur ha word verification apne blog se jarur hata len. yah aapke blog par jayda se jayda tipddi jaldi pahuchane me sahayak hogi.

सुनिए गिरीश पंकज को

  © Free Blogger Templates Skyblue by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP