नए साल का गीत/ एक -एक होते हैं ग्यारह....
>> Thursday, December 30, 2010
नया साल बस दो कदम की दूरी पर है. अरे, २०१० कैसे बीत गया पता ही नहीं चला. यही हमारी नियति है. हम अक्सर जीतने का दंभ पाले रहते हैं, पर समय हर बार पटकनी देते रहता है. हम समय से नहीं जीत सकते. उसे नहीं रोक पाते. जवान चेहरे कब झुर्रियोंकी कथाये रचने लगते है, समझ में ही नहीं आता. अपना ही चेहरा अनजाना-सा लगता है. यह कटुसत्य है. इसीलिए जो बीत गया, उसकी चिंता न करते हुए आने वाले पल का स्वागत किया जाना चाहिये. हमें अपने सद्कर्मों से इतिहास रचना है. समय बीत जाएगा, लेकिन हमारा किया हुआ श्रेष्ठ काम ये जाती हुई तारीखे मिटा नहीं पाएंगी.सर्जक अमर रहता है. इस बार अद्भुर सन आ रा है. -१-११ २०११. एक-एक दो होते है तो एक-एक ग्यारह भी हो सकते है. हम एक-एक ग्यारह वाले सन्देश को ग्रहण करें यही शुभकामना है. नए साल का अग्रिम स्वागत करते हुए एक गीत आप सब चाहने वालों के लिये .अब मिलूंगा दो जनवरी को..तब तक के लिये हार्दिक शुभकामनाये.हर ब्लॉगर जीवन में सफल हो, सुखी रहे. आगे बढ़े.यही सद्भावना है....
नवकिरणों के साथ हमारे जीवन को चमकाएगा.
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सत्कर्मों से भरा रहे तो, वैसा जीवन पायेगा...
भूल जाएँ हम बात पुरानी, नया सवेरा आयेगा.
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एक -एक होते हैं ग्यारह, यह जीवन का लक्ष्य रहे,
चाहे जो मजबूरी हो पर, साथ हमारे सत्य रहे.
श्रमवीरों का ही तो ईश्वर, हरदम भाग्य बनाएगा..
भूल जाएँ हम बात पुरानी, नया सवेरा आयेगा.
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टूट नहीं पाए हम क्योकि हर पीड़ा बेमानी थी.
आँसू को जो पी जाएगा, वह जीवन को गायेगा..
भूल जाएँ हम बात पुरानी, नया सवेरा आयेगा...
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एक नए जीवन की खातिर, हम खाएं सौगंध नई.
अपना सच्चा मन अपने, इस जीवन को महकाएगा
भूल जाएँ हम बात पुरानी, नया सवेरा आयेगा.
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छूट गए जो लोग यहाँ पर, साथ उन्हें भी लेना है
यही तकाजा नए दौर का, प्यार सभी को देना है.
हम गैरों को अपनाएंगे, जग हमको अपनाएगा..
भूल जाएँ हम बात पुरानी, नया सवेरा आयेगा.
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सपने अक्सर टूटा करते, फिर-फिर नूतन गढ़ते हैं,
कितना भी हो पर्वत ऊँचा, हिम्मत से हम चढ़ते हैं.
अगर हौसला छोड़ दिया तो, कौन हमें दुलराएगा.
भूल जाएँ हम बात पुरानी, नया सवेरा आयेगा.
उठो-उठो अब आगे देखो, पीछे बीता साल रहे,
ऐसे जतन करो कि पूरा जीवन ही खुशहाल रहे.
दुःख आयेगा लेकिन अपने, सम्मुख ठहर ना पायेगा.
भूल गए हम बात पुरानी, नयासवेरा आयेगा.
नवकिरणों के साथ हमारे जीवन को चमकाएगा. .
12 टिप्पणियाँ:
सुन्दर गीत ...यही उम्मीद लिए बैठे हैं कि नया सवेरा आएगा
छूट गए जो लोग यहाँ पर, साथ उन्हें भी लेना है
यही तकाजा नए दौर का, प्यार सभी को देना है.
बहुत प्रेरक सुन्दर प्रस्तुति..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ..
आदरणीय भाई साहब स्वीकार करें शुभ कामनाएं नव वर्ष की ।
धन्यवाद, आपके लिए भी नया सवेरा की कामना.
30 घंटे में 2 कदम
स्पीड काफी धीमी है
पंकज जी गति बढ़ाएं
एक हिन्दी ब्लॉगर जो बिल्कुल पसंद नहीं है
प्याजो की जवानी
बहुत ही सुन्दर शब्दों का संगम है इस रचना में ..
नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ बधाई ...।
नववर्ष पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई ....नया वर्ष उज्जवल और मंगलमय हो ....
आशा का उजास फ़ैलाती खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को भी सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
आपको भी नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं ! यह नव वर्ष आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करे ।
सुंदर पद रचना है भाई साहब
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं
चुड़ैल से सामना-भुतहा रेस्ट हाउस और सन् 2010 की विदाई
आपको भी नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं
प्रेरक पोस्ट. भैया प्रणाम. नया साल आपको सपरिवार मुबारक हो
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