अभियान-गीत/लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे....
>> Monday, January 10, 2011
है कश्मीर हमारा सुंदर... इसको नहीं गवाएंगे
लालचौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे
लालचौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे
किसी भी राष्ट्र की अस्मिता का प्रतीक है उसका ध्वज, उसकी भाषा, उसका राष्ट्र-गान. दुनिया में भारत ही वह अनोखा उदारवादी देश हैजहाँ दिन दहाड़े संविधान जला दिया जाता है. ध्वज का अपमान होता है. बेचारी राष्ट्र भाषा की हालत क्या है, ये सब जानते है. अपने यहाँ तो कोई भी देशविरोधी बातें कर देता है और उस पर कार्रवाई नहीं होती. इसी उदारता का दुष्परिणाम यह हो रहा है कि कश्मीर में देश विरोधी लोग तिरंगा न फहराने की घोषणा कर देते है. इसलिये अगर कुछ लोगों ने २६ जनवरी को कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने की ठान ली है तो उनकास्वागत होनाचाहिए. यह पहल केवल भारतीय जनता पार्टी के युवा लोग कर रहे है. जबकि यह सर्वदलीय अभियान होना चाहिए. इसमे देश भर के युवको को शामिल होना चाहिए. राष्ट्र ध्वज केवल भाजपा का नहीं है. यह कांग्रेस का भी है औ दूसरे दलों का भी. लेकिन देश का यही दुर्भाग्य है कि यहाँ देश की अस्मिता का सवाल भी घटिया और टुच्ची राजनीति का शिकार हो जाता है. होनातो यह चाहिए था कि २६ जनवरी को एक सर्वदलीय मोर्चा बनाता और सारे राजनीतिक दल के लोग मिलजुल कर लाल चौक पर तिरंगा फहराते. पता नहीं हमारा देश राष्ट्रीयता के सवाल पर कब एकजुट होगा. मै भाजपा कार्यकर्त्ता नहीं हूँ. न कभी हो सकता हूँ. मगर लाल चौक पर तिरंगा फहराने के अभियान का मैं खुल कर उनका समर्थन करता हूँ. मैं वहाँ नहीं जा पाऊँगा. लेकिन मेरी भावनाए वहां जायेंगी. मैं २६ जनवरी के लिये एक अभियान-गीत लिखा है. यह गीत उस भावना को समर्पित है, जो देश की शान के लिये अपनी जान लुटाने का भी संकल्प लेती है. उम्मीद है यह गीत केवल दल विशेष का गीत नहीं बनेगा वरन हर देशवासी इसे दिल से गायेगा. क्योंकि केवल कश्मीर ही अमर नहीं है. इस देश का चप्पा-चप्पा हमारा है. हम कहीं भी जा कर तिरंगा फहरा सकते है. हमें कोई नहीं रोक सकता. जो रोकेगा मतलब वह देशद्रोही है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर का यह बयान कितना हास्यास्पद है कि लाल चौक पर तिरंगा फहराने से कश्मीरी नाराज हो जंगे और वे भड़केंगे. अलगाववादी नेता यासीन मालिक ने भी चुनौती दी है, कि हम देखते है,कि लाल चौक पर कैसे फहराता है तिरंगा. हद है इस मानसिकता की. इस मानसिकता को चुनौती देने जो लोग निकल रहे है,. उनकाखुल कर स्वागत करनाचाहिये देश विरोधी लोगों से निपटना हमारा परमपुनीत कर्तव्य है. क्योंकि सवाल है देश का..किसी पार्टी का नहीं. प्रस्तुत है वन्दे मातरम के जय घोष के साथ यह अभियान-गीत----
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
नहीं डरेंगे गोली से हम, लाठी-पत्थर खाएंगे,
वीरों के जो वंशज है वे, कभी नहीं घबराएंगे.
है कश्मीर हमारा सुंदर, इसको नहीं गवाएंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
बहुत हो चुका अब न सहेगे, गद्दारों की बातें.
भारत में रह कर जो करते, देशविरोधी घातें.
देशद्रोहियों को जा कर हम, अब तो सबक सिखायेंगे...
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे..
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
हम उदार है इसका मतलब, हमें न कायर जानो.
हम है कट्टर देशभक्त बस, तुम हमको पहचानो.
जिन्हें मुल्क से प्यार नहीं हैं, वे न यहाँ टिक पाएंगे..
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
बढ़ो-बढ़ो ओ वीर सपूतों, यह कश्मीर हमारा है.
चप्पा-चप्पा इस भारत का, हमें जान से प्यारा है.
देश हमारा, धरती अपनी, हम परचम लहरायेंगे..
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
जय-जय भारत वर्ष हमारा, अमर शान है तेरी.
तेरे लिये अगर जाती है, धन्य जान है मेरी.
बढ़े कदम माँ की खातिर अब, पीछे नहीं हटायेंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम..
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
नहीं डरेंगे गोली से हम, लाठी-पत्थर खाएंगे,
वीरों के जो वंशज है वे, कभी नहीं घबराएंगे.
है कश्मीर हमारा सुंदर, इसको नहीं गवाएंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
बहुत हो चुका अब न सहेगे, गद्दारों की बातें.
भारत में रह कर जो करते, देशविरोधी घातें.
देशद्रोहियों को जा कर हम, अब तो सबक सिखायेंगे...
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे..
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
हम उदार है इसका मतलब, हमें न कायर जानो.
हम है कट्टर देशभक्त बस, तुम हमको पहचानो.
जिन्हें मुल्क से प्यार नहीं हैं, वे न यहाँ टिक पाएंगे..
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
बढ़ो-बढ़ो ओ वीर सपूतों, यह कश्मीर हमारा है.
चप्पा-चप्पा इस भारत का, हमें जान से प्यारा है.
देश हमारा, धरती अपनी, हम परचम लहरायेंगे..
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
जय-जय भारत वर्ष हमारा, अमर शान है तेरी.
तेरे लिये अगर जाती है, धन्य जान है मेरी.
बढ़े कदम माँ की खातिर अब, पीछे नहीं हटायेंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम...
युवा- शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे.
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे.
वन्दे मातरम...वन्दे मातरम..
6 टिप्पणियाँ:
प्रणाम,
मुझ अकिंचन की ओर से इस जबरदस्त एवं जन जन में उत्साह का संचार कर देने वाली गीत के लिए बधाई स्वीकार करें |
यह न केवल भाजपा का वरन समूचे राष्ट्र का नैतिक दायित्व है की वे देश की अस्मिता की प्राण देकर भी रक्छा करें निश्चित ही उनका यह प्रयास सराहनीय है | अफ़सोस होता है जब भारत जैसे महान देश के में कोई संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति भी जब ये कह दे की राष्ट्र ध्वज फहराने से संकट की स्थिति निर्मित हो सकती है वाकई ऐसे समय में युवा शक्ति को आगे आकर ऐसे तत्वों को यह स्पष्ट कर देना होगा की हमारी उदारता हमारी कायरता नहीं है |
बढ़ो-बढ़ो ओ वीर सपूतों, यह कश्मीर हमारा है,
चप्पा-चप्पा इस भारत का, हमें जान से प्यारा है।
देश हमारा, धरती अपनी, हम परचम लहरायेंगे,
युवा-शक्ति ने ठान लिया है, आगे कदम बढ़ाएंगे।
लाल चौक पर राष्ट्र-ध्वजा हम, जा करके फहराएंगे।
आपके इस जोशीले आवाहन का मैं भी समर्थन करता हूं।
निस्संदेह, कश्मीर हमारा है, लाल चौक पर राष्ट्रध्वज ही लहराएगा।
वाह! क्या बात है, बहुत सुन्दर! वन्दे मातरम!
प्रणाम !
वेंदे मातरम् !
मैं आप कि कि बातो से सहमत हूँ कि राष्टीय धव्ज केवल एकिसी एक व्यक्ति मात्र या किसी एक राजनीतिक दल का नहीं है , ये देश कि आन , बान और शान है ! २६ जनवरी को तिरंगा फहराए और ये भारत का हर नागरीक भी चाहेगा ,मगर किसी राज नीति का मुदा ना बने ये देखने कि बात हो होगी , गीत भी बेहद सुंदर है .. साधुवाद , भारत कि राजनीति सुल्ज़ी हुई राजनीति ना हो कर सिर्फ उलझाने वाली लगते है , यानी केकड़ा वाली पद्दति ! खैर ... ! शांति पूर्वक रहे , अमन रहे हमारे देश में ये .कामना करते है !
वेंडे मातरम् !
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राष्ट्र द्रोहियों के प्रति हमें कठोर रूख अपनाना चाहिए। आपकी कविता में सारे देश के युवाओं की भावनाओं की अभिव्यक्ति दिखाई देती है।
वन्देमातरम... जयहिंद...
सादर....
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