है मानव की यार पुस्तकें
>> Tuesday, April 22, 2014
विश्व पुस्तक दिवस पर मेरी और से विनम्र-भेंट
है मानव की यार पुस्तकें / करतीं कितना प्यार पुस्तकें
एक बार तो करो दोस्ती / हैं सबसे दिलदार पुस्तकें
भेदभाव से ऊपर उठ कर / करती हैं उपकार पुस्तकें
गलत-सलत से बचना वरना / कर देंगी बीमार पुस्तकें
पढ़ो ध्यान से सिखलाएँगी / सदा नेक व्यवहार पुस्तकें
बढ़ता जाता ज्ञान हमारा / पढ़ कर के दो-चार पुस्तकें
मूरख को भी कर देती हैं / घर बैठे हुशियार पुस्तकें
बम से भी बढ़ कर होती हैं / विस्फोटक हथियार पुस्तकें
हर पल मंत्र नया देती हैं / हमको बारम्बार पुस्तकें
उसका जीवन धन्य हो गया / है जिनका आधार पुस्तकें
जो चाहे उनको देती हैं / एक नया संसार पुस्तकें
आओ बैठी हैं स्वागत् में / कर के नवश्रृंगार पुस्तकें
जाने कितनों का करती हैं/ जीवन में उद्धार पुस्तकें
हर पल ही खुद को रखती हैं / सेवा में तैयार पुस्तकें
नाकारे लोगों को लगतीं / बेमतलब-बेकार पुस्तकें
वक्त पड़े तो दें अपनों को / बढ़ कर के उपहार पुस्तकें
हमने-सबने ही यह जाना / हैं जीवन का सार पुस्तकें
हमको बहुत सँवारा पंकज / है तेरा आभार पुस्तकें
है मानव की यार पुस्तकें / करतीं कितना प्यार पुस्तकें
एक बार तो करो दोस्ती / हैं सबसे दिलदार पुस्तकें
भेदभाव से ऊपर उठ कर / करती हैं उपकार पुस्तकें
गलत-सलत से बचना वरना / कर देंगी बीमार पुस्तकें
पढ़ो ध्यान से सिखलाएँगी / सदा नेक व्यवहार पुस्तकें
बढ़ता जाता ज्ञान हमारा / पढ़ कर के दो-चार पुस्तकें
मूरख को भी कर देती हैं / घर बैठे हुशियार पुस्तकें
बम से भी बढ़ कर होती हैं / विस्फोटक हथियार पुस्तकें
हर पल मंत्र नया देती हैं / हमको बारम्बार पुस्तकें
उसका जीवन धन्य हो गया / है जिनका आधार पुस्तकें
जो चाहे उनको देती हैं / एक नया संसार पुस्तकें
आओ बैठी हैं स्वागत् में / कर के नवश्रृंगार पुस्तकें
जाने कितनों का करती हैं/ जीवन में उद्धार पुस्तकें
हर पल ही खुद को रखती हैं / सेवा में तैयार पुस्तकें
नाकारे लोगों को लगतीं / बेमतलब-बेकार पुस्तकें
वक्त पड़े तो दें अपनों को / बढ़ कर के उपहार पुस्तकें
हमने-सबने ही यह जाना / हैं जीवन का सार पुस्तकें
हमको बहुत सँवारा पंकज / है तेरा आभार पुस्तकें
2 टिप्पणियाँ:
आपकी इस उत्कृष्ट अभिव्यक्ति की चर्चा कल रविवार (27-04-2014) को ''मन से उभरे जज़्बात (चर्चा मंच-1595)'' पर भी होगी
--
आप ज़रूर इस ब्लॉग पे नज़र डालें
सादर
बहुत सुंदर !
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