''सद्भावना दर्पण'

दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पुरस्कृत ''सद्भावना दर्पण भारत की लोकप्रिय अनुवाद-पत्रिका है. इसमें भारत एवं विश्व की भाषाओँ एवं बोलियों में भी लिखे जा रहे उत्कृष्ट साहित्य का हिंदी अनुवाद प्रकाशित होता है.गिरीश पंकज के सम्पादन में पिछले 20 वर्षों से प्रकाशित ''सद्भावना दर्पण'' पढ़ने के लिये अनुवाद-साहित्य में रूचि रखने वाले साथी शुल्क भेज सकते है. .वार्षिक100 रूपए, द्वैवार्षिक- 200 रूपए. ड्राफ्ट या मनीआर्डर के जरिये ही शुल्क भेजें. संपर्क- 28 fst floor, ekatm parisar, rajbandha maidan रायपुर-४९२००१ (छत्तीसगढ़)
&COPY गिरीश पंकज संपादक सदभावना दर्पण. Powered by Blogger.

गौ से ख़त्म हो गया नाता?

>> Monday, November 3, 2014

कैसा देश बनाने निकले समझ नहीं कुछ आता है
क्या सरकार तुम्हारा गौ से ख़त्म हो गया नाता है?

गौ सेवक पिटते हैं अब तो उनको मिलती जेल यहाँ,
शायद है ये 'नया इंडिया' उलटा सारा खेल यहाँ।
इसी देश में कृष्ण कन्हैया गौ को नित्य बचाते थे
गायो के संग वे भी जंगल बिन 'पनही' के जाते थे
उसी कन्हैया के भारत में गायों का व्यापार चले
यहाँ-वहा हर और देखिये छिप -छिप के तलवार चले
शर्म करो दिल्ली में बैठे 'श्रेष्ठ नरो' , उनकी सेनाओ
अगर अभी भी शर्म बची है गौ हत्या पर रोक लगाओ।
अभी नहीं तो कभी न होगा, नित्य कटेगी गाय यहाँ,
मत भूलो लग जाएगी फिर तुमको उसकी हाय यहाँ
भूल गए हो याद करो तुम गाय तुम्हारी माता है।
क्या सरकार तुम्हारा गौ से ख़त्म हो गया नाता है?

गायों की ह्त्या पर क्यों है चुप्पी इसका राज बताओ
कहा गए वे वादे तेरे क्यो तुम पलटे ये समझाओ
गाय अगर कटती जाएगी, तुम भी ना बच पाओगे
जैसे गयी कांग्रेस तुम भी फिर ना वापस आओगे
इसीलिये अब होश में आओ गायों का सम्मान करो
गाय हमारी माता है तुम गर्व करो, अभिमान करो.
कहा 'संघ' ने जो कुछ भी क्या उसका थोड़ा ध्यान नहीं
बिना गाय के इस भारत का होगा कुछ कल्यान नहीं
बहुत हो गया फ़ौरन गौ हत्या पर रोक लगाओ अब
गौ मांस-निर्यात रोक कर अपना फ़र्ज़ निभाओ अब
भूल न जाना गौ से तेरा जीवन वैभव पाता है

कैसा देश बनाने निकले समझ नहीं कुछ आता है
क्या सरकार तुम्हारा गौ से ख़त्म हो गया नाता है?

1 टिप्पणियाँ:

सुरेश कुमार November 10, 2014 at 5:06 PM  

गौमाता पर आपकी कविताये बहुत बहुत अच्छी लगी ।

सुनिए गिरीश पंकज को

  © Free Blogger Templates Skyblue by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP