बाहर के दुश्मन से लड़ लें या घर के गद्दारों से
>> Tuesday, February 23, 2016
बाहर के दुश्मन से लड़ लें या घर के गद्दारों से
हम तो घिरे हुए है अब तो कदम-कदम हत्यारों से
देशप्रेम की बाते मत कर लोग यहाँ पर हँसते हैं
रोज सामना होता है अब कुछ सनकी बीमारों से
कौन है असली, कौन है नकली देशभक्त क्या बोलें हम
पता लगाना मुश्किल है अब टीवी या अखबारों से
अगर देश को गाली देने वाले घूम रहे छुट्टे
तो फिर हमको नफरत होगी सत्ता के किरदारों से
सीमा पर दुश्मन से लड़ कर मरते है सैनिक अपने
और देश में घिरे हुए हम कुछ पाखंडी नारों से
जो भी देशविरोधी हैं अब उसको पहचानें थोड़ा
सावधान रहना ही होगा सब नकली फनकारों से
2 टिप्पणियाँ:
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन सचिन 200 नॉट आउट और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
बहुत शानदार लिखा...देश सोच में डूबा है.....क्या सही क्या गलत
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