बेटी दिवस पर विशेष
पतझड़ में मधुमास बेटियाँ
होती हैं विश्वास बेटियाँ
करो 'कल्पना' थोड़ी बेहतर
छू लेती आकाश बेटियाँ
किस्मतवाला घर होता वो
जिसके भी है पास बेटियाँ
बेशक बेटों के जैसे ही
हैं सुंदर एहसास बेटियाँ
जब-जब छाया है अंधियारा
लगने लगीं उजास बेटियाँ
वक्त पड़े तो हर दानव का
करती रहीं विनाश बेटियाँ
खेलकूद हो या हो शिक्षा
रचती हैं इतिहास बेटियाँ
@ गिरीश पंकज
खेलकूद हो या हो शिक्षा
ReplyDeleteरचती हैं इतिहास बेटियाँ
बेटियों के प्रति सुंदर भावों से सुसज्जित रचना ।
वाह
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