युद्ध क्या है
मानवता की छाती पर
एक कुष्ठ है
युद्ध वही करता है
जो अपने आप से ही रुष्ट है
युद्ध और कुछ नहीं
अपने गुरूर को दिखाने का
एक घटिया तरीका है
युद्ध इनसान ने
किसी शैतान से सीखा है।
युद्ध कमजोरों को
सताने का एक जरिया है
युद्ध और कुछ नहीं
एक सामंती नज़रिया है
युद्ध तरह-तरह के हथियार
रखने की गरमी का नाम है
युद्ध वही करता है
जो पहले भी बहुत बदनाम है
युद्ध दरअसल
भरे पेट वालों का काम है ।
सच पूछें तो युद्ध
अराजक-अय्याशी है
युद्ध
मानवता के गले की फाँसी है
युद्ध क्रूर लोगों का मनोरंजन है
युद्ध शांति का भंजन है
युद्ध इंसानियत के खिलाफ
शैतान का अट्टहास है
युद्ध करने करने वाला तो
जीते-जी एक लाश है
और इन सब के बीच
पूरी दुनिया को शांति की तलाश है।
संयुक्त राष्ट्र की मुंडेर पर बैठे
एक श्वेत कपोत ने उस दिन
गुटर गूं करते हुए कहा,
दुनिया में उसी दफे
सच्ची शांति आएगी
जब हथियारों की सारी खेप
सागर में समा जाएगी।
जब तक विश्व की आत्मा में
विराजित नहीं होंगे बुद्ध
तब तक होते ही रहेंगे
युद्ध-दर-युद्ध!
गिरीश पंकज
लाजवाब ..... युद्ध को रोकने के लिए बुद्ध होना होगा ।
ReplyDeleteयुद्ध कमजोरों को
सताने का एक जरिया है
युद्ध और कुछ नहीं
एक सामंती नज़रिया है
सटीक बात कही ।
आपकी लिखी रचना सोमवार. 28 फरवरी 2022 को
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
धन्यवादम
Deleteयुद्ध जो कुछ भी हो पर बहुत अशुद्ध है।
ReplyDeleteअत्यंत भावपूर्ण सृजन सर।
प्रणाम
सादर।
धन्यवादम
Deleteबढ़िया कविता !!
ReplyDeleteआभारम
Deleteसशक्त सृजन।
ReplyDeleteयुद्ध
ReplyDeleteमानवता के गले की फाँसी है
युद्ध क्रूर लोगों का मनोरंजन है
युद्ध शांति का भंजन है
युद्ध इंसानियत के खिलाफ
शैतान का अट्टहास है
युद्ध करने करने वाला तो
जीते-जी एक लाश है
और इन सब के बीच
पूरी दुनिया को शांति की तलाश है।
काश ये बात समझ सकें ये लोग !
युद्ध और कुछ नहीं
ReplyDeleteअपने गुरूर को दिखाने का
एक घटिया तरीका है
बहुत सटीक एवं सशक्त।
युद्ध
ReplyDeleteमानवता के गले की फाँसी है
युद्ध क्रूर लोगों का मनोरंजन है
युद्ध शांति का भंजन है
युद्ध इंसानियत के खिलाफ
शैतान का अट्टहास है
युद्ध करने करने वाला तो
जीते-जी एक लाश है
और इन सब के बीच
पूरी दुनिया को शांति की तलाश है।/////
बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति चिन्तन है युद्ध पर।युद्ध कुछ सिरफिरों का मनोरंजन है।मानव हठ ने बार-बार दुनिया को युद्ध की त्रासदी झेलने पर विवश किया है।