''सद्भावना दर्पण'

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ग़ज़ल / पाँच सितारा होटल में....

>> Friday, July 8, 2022

भूख-गरीबी पर चर्चा है पाँच सितारा होटल में
यह मज़ाक कितना अच्छा है पाँच सितारा होटल में

गांधी की चर्चा करते हैं मुर्गमुसल्लम खाकर वे
गांधी फिर रोता बैठा है पाँच सितारा होटल में

भूखे लोगों की हालत पर शोक मनाने आए हैं
हर नेता-अफसर रोता है पाँच सितारा होटल में

चेहरा कुछ मासूम बनाकर लोगों को भरमाते हैं
खलनायक मन में हँसता है पाँच सितारा होटल में

मिलजुल के सब ठगते रहते भोली-भाली जनता को
इसी खुशी में फिर जलसा है पाँच सितारा होटल में

पहले भी कुछ लूट रहे थे अब हैं नये-नये चेहरे
सभी लुटेरों का अड्डा है पाँच सितारा होटल में

लोकतंत्र की बात करो पर लोगों से रक्खो दूरी!
तभी तो वह नेता बैठा है पाँच सितारा होटल में

रोज़ उसे उदघाटन-भाषण करने की बीमारी है
मंत्री फिर आ कर मरता है पाँच सितारा होटल में

अफसर, मंत्री को फुसलाकर मुट्ठी में कर लेता है
इनका गठबंधन फलता है पाँच सितारा होटल में

@ गिरीश पंकज

7 टिप्पणियाँ:

कविता रावत July 8, 2022 at 4:28 AM  

पहले भी कुछ लूट रहे थे अब हैं नये-नये चेहरे
सभी लुटेरों का अड्डा है पाँच सितारा होटल में
..........
अफसर, मंत्री को फुसलाकर मुट्ठी में कर लेता है
इनका गठबंधन फलता है पाँच सितारा होटल में
... एकदम सटीक, खरी-खरी बात

जिज्ञासा सिंह July 9, 2022 at 8:09 PM  


भूखे लोगों की हालत पर शोक मनाने आए हैं
हर नेता-अफसर रोता है पाँच सितारा होटल में

चेहरा कुछ मासूम बनाकर लोगों को भरमाते हैं
खलनायक मन में हँसता है पाँच सितारा होटल में ..
. ।राजनीति के काले चिट्ठे को बखूबी लिखा है ।
बेहतरीन रचना के लिए बधाई आदरणीय ।

रेणु July 10, 2022 at 10:02 AM  

लोकतंत्र की बात करो पर लोगों से रक्खो दूरी!
तभी तो वह नेता बैठा है पाँच सितारा होटल में
क्या बात है आदरणीय पंकज जी ! कुछ भी नहीं छोड़ा आपने पाँच सितारा होटलों की राजनीति पर | हर शेर में सत्ता के ढके लिपटे राज़ का पर्दाफ़ाश करती सशक्त ग़ज़ल | हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं||

Sweta sinha July 11, 2022 at 8:14 AM  

जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार १२ जुलाई २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।

प्रतिभा सक्सेना July 11, 2022 at 4:31 PM  

'मिलजुल के सब ठगते रहते भोली-भाली जनता को
इसी खुशी में फिर जलसा है पाँच सितारा होटल में'
- यही तो ढोल की पोल है.

विभा रानी श्रीवास्तव July 11, 2022 at 6:00 PM  

सब कुछ होता है पाँच सितारा होटल में
उम्दा चित्रण

yashoda Agrawal July 11, 2022 at 11:17 PM  

सादर नमन गिरीश भैय्या जी को
सादर

सुनिए गिरीश पंकज को

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