''सद्भावना दर्पण'

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अन्धकार में रोशनी का गान है अब शर्मिला

>> Monday, November 16, 2009

मणिपुर में अत्याचार का पर्याय बन चुके पुलिस के विशेषाधिकार के विरुद्ध नौ साल से आमरण अनशन पर बैठी आयरन लेडी इरोम शर्मिला छानू के लिए एक और गीत-
अन्धकार में रोशनी का गान है अब शर्मिला 

अन्धकार में रोशनी का गान है अब शर्मिला
लड़ सके हिम्मत से वो इन्सान है अब शर्मिला

रोक पाओगे अगर तो देख लो तुम रोक कर
लड़ रही है वो कि बस तूफ़ान है अब शर्मिला

यह व्यवस्था चाहती है मौन हो जाएँ सभी
किन्तु मुखरित सत्य की पहचान है अब शर्मिला 

जम्हूरित के जिस्म पर कोडा है मणिपुर की पुलिस
रोका दो उसको यही फरमान है अब शर्मिला

वो उठी है काश पूरा देश भी तो जागता
इंसानियत की सच कहें तो शान है अब शर्मिला

दुश्मनों को मारिये मासूम को क्यों मरना
तंत्र को इस लोक का ऐलान है अब शर्मिला

क्या ये मेरा देश मुर्दा हो गया इस दौर में?
ना-ना मेरे  देश की तो आन है अब शर्मिला

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