गीत/ भगतसिंह बनने की धुन में, इक दिन मारे जाओगे.
>> Saturday, August 14, 2010
आजादी एक महान शब्द है. गुलामी से मुक्ति की चाहत तो मूक पशुओं में भी होती है. फिर हम तो मनुष्य है. बलिदानों के बाद यह देश आज़ाद हुआ.लेकिन आज अपनी हालात क्या है, यह किसी से छिपी नहीं है. आज भी सरकार विरोधी प्रदर्शन करने पर लोग मारे जाते है. निर्मम पिटाई होती हैं लोगों की. अभिव्यक्ति पर अंकुश-सा लगता है. दहेज़ प्रथा पर लिखो चलेगा. 'लिवइन रिलेशनशिप' पर या समलैंगिक संबंधों पर भी लिखो. कंडोम-फंडोम का प्रचार करो, सब चलेगा, मगर सरकार अगर कुछ अन्याय कर रही है तो उसके खिलाफ लिखने पर मुसीबत आ सकती है. सडको पर उतर गए तो डंडे खाओगे. जबरन आगे बढ़े तो गोलियों से भी भूने जा सकते हो. तो ऐसा है अपने देश कलोक्तंत्र. क्या यही है आजादी? नहीं. आजादी है मन की बात कहने की. सरकार अन्याय कर रही है तो उसे आइना दिखाने का नाम है आजादी. लेकिन हमारे देश में इसकी कमी है. इसलिए जब आजादी के जश्न की बात आती है, तो मेरे जैसा आदमी दुखी मन से बधाई स्वीकार करता है. आपको आजादी की बधाई लेकिन हम सोचें कि जो बातें मैंने कहीं है, क्या वे काल्पनिक हैं? एक महान लोकतांत्रिक देश हमें अभी बनाना है. यह काम बाकी है. गांधी-विनोबा जैसे महान लोग नहीं रहे. उनका नाम ले कर रोटियाँ सेंक रहे लोगो पाखंडी है. भविष्य में जब गाँधी-लोहिया और विनोबा को अपने जीवन में उतारने वाले लोग आयेंगे, तभी सच्ची आज़ादी आयेगी. हम इन्तिज़ार करेंगे. तब तक जैसी भी है, इस आजादी का हम स्वागत ही करेंगे और इसका जश्न भी मनाएंगे. क्योंकि अपनाही देश है. अपने ही लोग है.. भले ही शातिर है. बहरहाल, एक गीत देखें...
13 टिप्पणियाँ:
आप के लेख से सहमत हुं, आप अकेले ही नही आप जेसे ओर भी बहुत से लोग है जो इस सुंदर दिन की बधाई भी दुखी मन से स्वीकार करता है, क्योकि उस की आत्मा उस से पुछती है क्या यही आजादी है? तो गुलामी केसी होगी???
यह आजादी कुछ लोगों की, बाकी मुल्क गुलाम है,
सच कहने पर मिली सजाएँ, दिल्ली तो बदनाम है.
गोरे हट गए काले आ गए, यह कैसा परिवर्तन है?
कदम-कदम पर देख रहे है, सत्ता का ही नर्तन है.
बहुत खूब !
अंग्रेजों से प्राप्त मुक्ति-पर्व
..मुबारक हो!
समय हो तो एक नज़र यहाँ भी:
आज शहीदों ने तुमको अहले वतन ललकारा : अज़ीमउल्लाह ख़ान जिन्होंने पहला झंडा गीत लिखा http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_14.html
बहुत जबरदस्त और सटीक!
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं-----
सांस का हर सुमन है वतन के लिए
जिन्दगी एक हवन है वतन के लिए
कह गई फ़ांसियों में फ़ंसी गरदने
ये हमारा नमन है वतन के लिए
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
... बेहद प्रसंशनीय रचना !!!
... स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं !!!
बहुत अच्छी प्रस्तुति ...मन को छू गयी ..
स्वंत्रता दिवस की बधाइयां और शुभकामनाएं
बहुत सच लिखा आपने . पहली बार पढा आपको और मुरीद हो गये एस कविता से
कड़वा सच ....
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
आप के गीत से निकला आधुनिक राष्ट्रगान
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देश के रक्षक अल्ला राम
जय सिया राम जय सिया राम
सब गुंडे बदमाश जुटे हैं
भारत की रजधानी में
मनमोहन क्या कर पायेंगे
दिल्ली की परधानी में
बिना वजह ये पगड़ीवाला
मारा गया गुलफाम....
जय सिया राम जय सिया राम
कोढ़ तो पहले से ही था अब
खाज के लक्षन भी प्रकटे
बेइमानों की टोली का
सरदार खड़ा कैसे डट के
लूट मचाने वालों का
आराम हुआ हर्राम ....
जय सिया राम जय सिया राम
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आपको बहुत बहुत बधाई .कृपया हम उन कारणों को न उभरने दें जो परतंत्रता के लिए ज़िम्मेदार है . जय-हिंद
वन्दे मातरम!
स्वतंत्रता दिवस कि शुभकामनाएं,
जय भारत! जय भारती! जय हिन्द! जय हिन्दी!
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
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