Thursday, June 7, 2012

जीवन का श्रृंगार बेटियाँ / निर्मल जल की धार बेटियाँ .....

पेश है बेटियों  पर   एक  लम्बी  रहना .

जीवन का श्रृंगार  बेटियाँ
निर्मल जल  की धार बेटियाँ 

देखो तो  दिल खुश हो जाए 
लगे रोज़ त्यौहार बेटियाँ 

प्यार से इनको सदा संवारो 

कभी न होती भार बेटियाँ  

घर है इक उद्यान सरीखा

 और फूलों का हार बेटियाँ

लक्ष्य रखे जो ऊँचे हरदम

कभी न मानें हार बेटियाँ 

आज हौसले औ हिम्मत को

 देती हैं विस्तार बेटियाँ 

हमको सावधान रहना है

 बने नहीं बाज़ार बेटियाँ 

ये भी आगे तक जाएँगीं

 है इसकी हक़दार बेटियाँ 

सूरज, चन्दा, तारों जैसी

 बाँट रही उजियार बेटियाँ 

अंतरिक्ष तक हो कर आयीं

 बार-बार तैयार बेटियाँ 

लक्ष्मी है, पर वक्त  पड़े तो

काली का अवतार बेटियाँ

14 comments:

  1. वाह वाह! बहुत सुन्दर रचना है।

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  2. वाह ..
    इनपर सौ सौ जान कुर्बान, जान से प्यारी ये बेटियाँ.

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  3. बहुत खूब ! बहुत प्यारी और सटीक अभिव्यक्ति...

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  4. लक्ष्मी है, पर वक्त पड़े तो
    काली का अवतार बेटियाँ,,,,

    मन मोहक आवाज में सुंदर अभिव्यक्ति ,,,,,
    पोस्ट पर आइये स्वागत है,,,

    WELCOME TO MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,

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  5. Betiyan vaastav mein bahut pyaari aur kabhi kabhi beton se zyaada zimmedaar hoti hain.

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  6. hamari shaan hai hamari aan hain
    inpar hame fakra hai,ye apna abhiman hain...bahut hee acchi rachna..sadar badhayee aaur sadar amantran ke sath

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  7. सच कहा.............
    हम बेटियां हैं ही ऐसी....
    :-)

    सादर

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  8. BETIYON PAR AAPKEE GAZAL DIL KO
    CHHOO GAYEE HAI . BADHAAEE AAPKO .

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  9. बेटियों पर सुन्दर रचना गिरीश भईया...
    सादर बधाई

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  10. वाह! आदरणीय गिरीश भईया... सुन्दर प्यारी सी रचना... और आज तो यही कि...
    "जग हैवान बना बैठा है,
    कितनी हैं लाचार बेटियाँ."

    सादर.

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  11. अतिसुन्दर प्रस्तुति..

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  12. बेहद खूबसूरत रचना

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