''सद्भावना दर्पण'

दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पुरस्कृत ''सद्भावना दर्पण भारत की लोकप्रिय अनुवाद-पत्रिका है. इसमें भारत एवं विश्व की भाषाओँ एवं बोलियों में भी लिखे जा रहे उत्कृष्ट साहित्य का हिंदी अनुवाद प्रकाशित होता है.गिरीश पंकज के सम्पादन में पिछले 20 वर्षों से प्रकाशित ''सद्भावना दर्पण'' पढ़ने के लिये अनुवाद-साहित्य में रूचि रखने वाले साथी शुल्क भेज सकते है. .वार्षिक100 रूपए, द्वैवार्षिक- 200 रूपए. ड्राफ्ट या मनीआर्डर के जरिये ही शुल्क भेजें. संपर्क- 28 fst floor, ekatm parisar, rajbandha maidan रायपुर-४९२००१ (छत्तीसगढ़)
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आ जाओ कन्हैया...............

>> Tuesday, August 27, 2013

आ जाओ कन्हैया मेरे, 
आ जा आओ कन्हैया
 संकट में गोपियाँ हैं, 
खतरे में है गैया।। आ जाओ कन्हैया.... 

वो कंस फिर से आया, दानव भी आ गये।
सुख-चैन इस धरा का, उसको ये खा गये। 
इनका करो संहार, ओ बलराम के भैया।। 
आ जाओ कन्हैया...... 

लुटती है द्रौपदी यहाँ, हर रोज देश में, 
यह देख कर यशोदा रहती है क्लेश में। 
अब लाज बचाओ, लगाओ पार तुम नैया।।
 आ जाओ कन्हैया...... 

यमुना हुई है मैली, हैं नाग विषैले। 
कैसे पियेंगे पानी, गोकुल को ये छैले। 
फिर आ के दहो नागों को बंशीबजैया।। 
 आ जाओ कन्हैया...... 

संकट में देश देखो, कौरव यहाँ छाए, 
अन्याय बढ़ रहा है, अब कौन बचाए।
 सबको सबक सिखाओ कहती यही मैया।। 
आ जाओ कन्हैया......

6 टिप्पणियाँ:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया August 28, 2013 at 12:02 AM  

बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,,,
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर!!
RECENT POST : पाँच( दोहे )

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार August 28, 2013 at 12:44 AM  




♥ जयश्री कृष्ण ! ♥
_/\_

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयां और शुभकामनाएं !
✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार August 28, 2013 at 12:46 AM  



संकट में देश देखो, कौरव यहाँ छाए,
अन्याय बढ़ रहा है, अब कौन बचाए।
सबको सबक सिखाओ कहती यही मैया।।
आ जाओ कन्हैया......

वर्तमान परिस्थितियों के संदर्भ में बहुत सुंदर गीत लिखा है गिरीश पंकज जी !


सुंदर रचना के लिए साधुवाद


संगीता स्वरुप ( गीत ) August 28, 2013 at 3:11 AM  

हृदय से निकाला आह्वान ... सुंदर रचना

Dr Varsha Singh August 28, 2013 at 10:43 AM  

जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं...

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ August 31, 2013 at 12:58 AM  

क्या बात वाह!

सुनिए गिरीश पंकज को

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