आ जाओ कन्हैया...............
>> Tuesday, August 27, 2013
आ जाओ कन्हैया मेरे,
आ जा आओ कन्हैया
संकट में गोपियाँ हैं,
खतरे में है गैया।। आ जाओ कन्हैया....
वो कंस फिर से आया, दानव भी आ गये।
सुख-चैन इस धरा का, उसको ये खा गये।
इनका करो संहार, ओ बलराम के भैया।।
आ जाओ कन्हैया......
लुटती है द्रौपदी यहाँ, हर रोज देश में,
यह देख कर यशोदा रहती है क्लेश में।
अब लाज बचाओ, लगाओ पार तुम नैया।।
आ जाओ कन्हैया......
यमुना हुई है मैली, हैं नाग विषैले।
कैसे पियेंगे पानी, गोकुल को ये छैले।
फिर आ के दहो नागों को बंशीबजैया।।
आ जाओ कन्हैया......
संकट में देश देखो, कौरव यहाँ छाए,
अन्याय बढ़ रहा है, अब कौन बचाए।
सबको सबक सिखाओ कहती यही मैया।।
आ जाओ कन्हैया......
आ जा आओ कन्हैया
संकट में गोपियाँ हैं,
खतरे में है गैया।। आ जाओ कन्हैया....
वो कंस फिर से आया, दानव भी आ गये।
सुख-चैन इस धरा का, उसको ये खा गये।
इनका करो संहार, ओ बलराम के भैया।।
आ जाओ कन्हैया......
लुटती है द्रौपदी यहाँ, हर रोज देश में,
यह देख कर यशोदा रहती है क्लेश में।
अब लाज बचाओ, लगाओ पार तुम नैया।।
आ जाओ कन्हैया......
यमुना हुई है मैली, हैं नाग विषैले।
कैसे पियेंगे पानी, गोकुल को ये छैले।
फिर आ के दहो नागों को बंशीबजैया।।
आ जाओ कन्हैया......
संकट में देश देखो, कौरव यहाँ छाए,
अन्याय बढ़ रहा है, अब कौन बचाए।
सबको सबक सिखाओ कहती यही मैया।।
आ जाओ कन्हैया......
6 टिप्पणियाँ:
बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,,,
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर!!
RECENT POST : पाँच( दोहे )
♥ जयश्री कृष्ण ! ♥
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयां और शुभकामनाएं !
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संकट में देश देखो, कौरव यहाँ छाए,
अन्याय बढ़ रहा है, अब कौन बचाए।
सबको सबक सिखाओ कहती यही मैया।।
आ जाओ कन्हैया......
वर्तमान परिस्थितियों के संदर्भ में बहुत सुंदर गीत लिखा है गिरीश पंकज जी !
सुंदर रचना के लिए साधुवाद
हृदय से निकाला आह्वान ... सुंदर रचना
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं...
क्या बात वाह!
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