Saturday, November 22, 2014

अब तो ''समाजवादी'' बग्घी पे आ रहा है

'लोहिया' तेरे मिशन को ये कौन खा रहा है
अब तो ''समाजवादी'' बग्घी पे आ रहा है

लूटो गरीब को पर बातें गरीब की हों
ये मुल्क पूंजी-पूंजी अब खुल के गा रहा है.

जो लोग थे 'मुलायम' दिखते 'कठोर' कैसे
'आजम' का आज 'जाजम' अब इनको भा रहा है

सारे विचार अच्छे बेकार हो गए हैं
ये दौर देखिये अब क्या दिन दिखा रहा है

सच्चे समाजवादी बेकार हो गए हैं
नकली है माल जितना वो उतना छा रहा है

2 comments:

  1. सच्चे समाजवादी बेकार हो गए हैं
    नकली है माल जितना वो उतना छा रहा है

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  2. हे रामचन्द्र कह गये सिया से ऐसा कलजुग आएगा,
    हंस चुगेगा दाना-दुनका, कौवा मोती खाएगा!
    /
    बस आ गया वो कलजुग!

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