जिसको मुस्काना आता है
उससे दुःख भी घबराता है
बचना निंदारस से प्यारे
जहर एक दिन बन जाता है
सबको दिल से दुआ दीजिये
जीवन अमृत कहलाता है
जाने कब ये सांस थमेगी
मन क्यों समझ नहीं पाता है
जो अंधियारे से लड़ता है
वो इक दीपक कहलाता है
कौन बचा है इस दुनिया में
दुख-सुख से सबका नाता है
जिसने जब चलने की ठानी
पथ ही रस्ता दिखलाता है
नहीं मिला जो भूल उसे तू
'पंकज' मन को समझाता है
उससे दुःख भी घबराता है
बचना निंदारस से प्यारे
जहर एक दिन बन जाता है
सबको दिल से दुआ दीजिये
जीवन अमृत कहलाता है
जाने कब ये सांस थमेगी
मन क्यों समझ नहीं पाता है
जो अंधियारे से लड़ता है
वो इक दीपक कहलाता है
कौन बचा है इस दुनिया में
दुख-सुख से सबका नाता है
जिसने जब चलने की ठानी
पथ ही रस्ता दिखलाता है
नहीं मिला जो भूल उसे तू
'पंकज' मन को समझाता है
बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteजिसने जब चलने की ठानी
ReplyDeleteपथ ही रस्ता दिखलाता है
नहीं मिला जो भूल उसे तू
'पंकज' मन को समझाता है
..बहुत सही ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति