''सद्भावना दर्पण'

दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में पुरस्कृत ''सद्भावना दर्पण भारत की लोकप्रिय अनुवाद-पत्रिका है. इसमें भारत एवं विश्व की भाषाओँ एवं बोलियों में भी लिखे जा रहे उत्कृष्ट साहित्य का हिंदी अनुवाद प्रकाशित होता है.गिरीश पंकज के सम्पादन में पिछले 20 वर्षों से प्रकाशित ''सद्भावना दर्पण'' पढ़ने के लिये अनुवाद-साहित्य में रूचि रखने वाले साथी शुल्क भेज सकते है. .वार्षिक100 रूपए, द्वैवार्षिक- 200 रूपए. ड्राफ्ट या मनीआर्डर के जरिये ही शुल्क भेजें. संपर्क- 28 fst floor, ekatm parisar, rajbandha maidan रायपुर-४९२००१ (छत्तीसगढ़)
&COPY गिरीश पंकज संपादक सदभावना दर्पण. Powered by Blogger.

गणतंत्र को समर्पित एक गीत

>> Monday, January 26, 2015

यह देश मेरा प्यारा सबसे,
हम इसका नित्य विकास करें।
दुनिया में भारत आगे हो,
मिलजुल कर यही प्रयास करें
। 

जो बीत गई सो बात गयी,
उसके पीछे क्यों जाएं हम.
आगे देखें, सोचें बेहतर,
आगे ही कदम बढ़ाएं हम.
जो देशविरोधी लोग यहाँ,
उनका हम तुरत विनाश करें।


सब धर्मो के लोगो आओ,
यह बात समझ लेना सुन्दर.
कोई भी धर्म नहीं ऊँचा ,
यह देश-धर्म सबसे ऊपर.
कण-कण वन्दित है भारत का,
इसका न कभी उपहास करें।।

जो देश को अपने छोड़ गए,
वे हैं अपने आदर्श नहीं।
अपनी मिट्टी में रह कर क्या,
हम कर सकते संघर्ष नही.
अपनी प्रतिभा को दिखलाएं ,
हम पतझर को मधुमास करें

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