Thursday, January 13, 2022

कमाल के पत्रकार कमाल खान नहीं रहे

एनडीटीवी के होनहार एवं अद्भुत संवाददाता कमाल खान का हृदयाघात के कारण 14 जनवरी, 2022 को सुबह साढ़े सात बजे निधन हो गया। उनका जन्म 1960 को हुआ था। कमाल खान को टीवी पर सुनना हर बार बेहद सुखद लगता था, क्योंकि वे दूसरे टीवी संवादाताओं की चीखते-चिल्लाते नहीं थे। बेहद सधी हुई काव्यात्मक भाषा में, संयम के साथ रिपोर्टिंग करते थे। उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में में किया था और रूसी भाषा का भी उन्हें अच्छा खासा ज्ञान था। पहले वह प्रिंट मीडिया में काम करते रहे, फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। एनडीटीवी से उन्होंने अपने कैरियर के दूसरे पड़ाव की शुरुआत की और अंतिम सांस तक एनडीटीवी से ही जुड़े रहे । अपने नाम के अनुरूप ही वे 'कमाल' के थे। उन की साहित्यमिश्रित मधुर गंगा-जमुनी यानी लखनऊ -तहजीब वाली दिलकश भाषा ने मुझे क्या, सभी को हमेशा प्रभावित किया। चाहे अयोध्या के मामले की हो या कोई चुनावी रिपोर्टिंग, हर मामले में उनका सुमधुर संयमित अंदाज काबिलेतारीफ ही रहा। कमाल खान की खासियत यह थी कि उनकी रिपोर्टिंग चलताऊ भाषा में कभी नहीं रही। शिष्ट, शालीन भाषा में वह अपनी बात रखते थे और सम्बंधित विषय की गहराई तक उतर कर उसका इतिहास भी बताते चलते थे, इसीलिए उनको सुनना अपने आप में एक अनुभव हुआ करता था। ऐसा लगता था, वह किसी कविता का पाठ कर रहे हैं । ऐसा अद्भुत अंदाज हुआ करता था कमाल खान का। ऐसे प्रबुद्ध अदबी संवाददाताओं की इस समय बेहद कमी है, जो गहरी साहित्यिक समझ भी रखते हों। कमाल खान का अचानक चला जाना टीवी पत्रकारिता के लिए एक बेहद दुखद घटना है। उनको शत-शत नमन !

1 comment:

  1. अश्रुपूरित श्रद्धासुमन
    सादर

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