''सद्भावना दर्पण'

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कविता/ युद्ध क्या है

>> Friday, February 25, 2022


युद्ध क्या है 
मानवता की छाती पर 
एक कुष्ठ है 
युद्ध वही करता है
जो अपने आप से ही रुष्ट है
युद्ध और कुछ नहीं
अपने गुरूर को दिखाने का
एक घटिया तरीका है 
युद्ध इनसान ने 
किसी शैतान से सीखा है।
युद्ध कमजोरों को
सताने का एक जरिया है 
युद्ध और कुछ नहीं
एक सामंती नज़रिया है
युद्ध तरह-तरह के हथियार 
रखने की गरमी का नाम है
युद्ध वही करता है 
जो पहले भी बहुत बदनाम है 
युद्ध दरअसल
भरे पेट वालों का काम है ।
सच पूछें तो युद्ध
अराजक-अय्याशी है 
युद्ध 
मानवता के गले की फाँसी है 
युद्ध क्रूर लोगों का मनोरंजन है 
युद्ध शांति का भंजन है 
युद्ध इंसानियत के खिलाफ
शैतान का अट्टहास है 
युद्ध करने करने वाला तो
जीते-जी एक लाश है
और इन सब के बीच
पूरी दुनिया को शांति की तलाश है।
संयुक्त राष्ट्र की मुंडेर पर बैठे
एक श्वेत कपोत ने उस दिन
गुटर गूं करते हुए कहा,
दुनिया में उसी दफे 
सच्ची शांति आएगी
जब हथियारों की सारी खेप
सागर में समा जाएगी।
जब तक विश्व की आत्मा में
विराजित नहीं होंगे बुद्ध
तब तक होते ही रहेंगे
युद्ध-दर-युद्ध!
गिरीश पंकज

11 टिप्पणियाँ:

संगीता स्वरुप ( गीत ) February 26, 2022 at 12:01 AM  

लाजवाब ..... युद्ध को रोकने के लिए बुद्ध होना होगा ।

युद्ध कमजोरों को
सताने का एक जरिया है
युद्ध और कुछ नहीं
एक सामंती नज़रिया है

सटीक बात कही ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) February 27, 2022 at 2:54 AM  

आपकी लिखी रचना सोमवार. 28 फरवरी 2022 को
पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।

संगीता स्वरूप

Sweta sinha February 27, 2022 at 6:24 AM  

युद्ध जो कुछ भी हो पर बहुत अशुद्ध है।
अत्यंत भावपूर्ण सृजन सर।
प्रणाम
सादर।

मुकेश कुमार सिन्हा February 27, 2022 at 8:51 PM  

बढ़िया कविता !!

girish pankaj February 27, 2022 at 10:51 PM  

आभारम

girish pankaj February 27, 2022 at 10:51 PM  

धन्यवादम

girish pankaj February 27, 2022 at 10:51 PM  

धन्यवादम

Amrita Tanmay February 28, 2022 at 3:13 AM  

सशक्त सृजन।

उषा किरण February 28, 2022 at 4:36 AM  

युद्ध
मानवता के गले की फाँसी है
युद्ध क्रूर लोगों का मनोरंजन है
युद्ध शांति का भंजन है
युद्ध इंसानियत के खिलाफ
शैतान का अट्टहास है
युद्ध करने करने वाला तो
जीते-जी एक लाश है
और इन सब के बीच
पूरी दुनिया को शांति की तलाश है।
काश ये बात समझ सकें ये लोग !

Sudha Devrani March 1, 2022 at 10:00 AM  

युद्ध और कुछ नहीं
अपने गुरूर को दिखाने का
एक घटिया तरीका है
बहुत सटीक एवं सशक्त।

रेणु March 2, 2022 at 9:26 AM  

युद्ध
मानवता के गले की फाँसी है
युद्ध क्रूर लोगों का मनोरंजन है
युद्ध शांति का भंजन है
युद्ध इंसानियत के खिलाफ
शैतान का अट्टहास है
युद्ध करने करने वाला तो
जीते-जी एक लाश है
और इन सब के बीच
पूरी दुनिया को शांति की तलाश है।/////
बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति चिन्तन है युद्ध पर।युद्ध कुछ सिरफिरों का मनोरंजन है।मानव हठ ने बार-बार दुनिया को युद्ध की त्रासदी झेलने पर विवश किया है।

सुनिए गिरीश पंकज को

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