ये कैसा है माओवाद ?
लाशे बिछा रहे लोगों की, धरती के खूनी ज़ल्लाद।
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है विचार की आड़ मगर ये तो व्यभिचारी दिखते हैं
'दाउद' के गुर्गे हों जैसे, लुच्चॆ, शातिर लगते हैं।
काश, आज और अभी हो सके हर हिंसक फ़ौरन बर्बाद।
ये कैसा है माओवाद ?
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प्यार, मोहब्बत भाईचारा , भूल गए अपने भाई,
खून बहा कर खुश होते है, ये नीच, ये अन्याई
इनकी हरकत देख शर्म से डूब गयी , 'यम' की औलाद।
ये कैसा है माओवाद ?
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पता नहीं कब हिंसक-मन में इक विवेक जागेगा,
इस महान भारत से नफ़रत का भूत भागेगा।
भूल गए हैं 'महावीर' को 'बुद्ध रहे' न इनको याद।
ये कैसा है माओवाद ?
हो ये बस फ़ौरन बर्बाद.
लाशे बिछा रहे लोगों की, धरती के खूनी ज़ल्लाद।
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है विचार की आड़ मगर ये तो व्यभिचारी दिखते हैं
'दाउद' के गुर्गे हों जैसे, लुच्चॆ, शातिर लगते हैं।
काश, आज और अभी हो सके हर हिंसक फ़ौरन बर्बाद।
ये कैसा है माओवाद ?
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प्यार, मोहब्बत भाईचारा , भूल गए अपने भाई,
खून बहा कर खुश होते है, ये नीच, ये अन्याई
इनकी हरकत देख शर्म से डूब गयी , 'यम' की औलाद।
ये कैसा है माओवाद ?
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पता नहीं कब हिंसक-मन में इक विवेक जागेगा,
इस महान भारत से नफ़रत का भूत भागेगा।
भूल गए हैं 'महावीर' को 'बुद्ध रहे' न इनको याद।
ये कैसा है माओवाद ?
हो ये बस फ़ौरन बर्बाद.
प्रश्न हैं पर उत्तर नहीं ...
ReplyDeleteपता नहीं कब हिंसक-मन में इक विवेक जागेगा,
ReplyDeleteइस महान भारत से नफ़रत का भूत भागेगा।
बहुत उम्दा,लाजबाब अभिव्यक्ति ,
Recent post: ओ प्यारी लली,
wakai ye jahar bankar fail raha hai ..isse mukti jaane kab milegee..sacche hindustaanee ke antar se yah lava niklna swabhabik hai ..saadar badayee kek sath
ReplyDeleteआतंकवाद तो सदा दानवी ही होता है, झंडे का रंग कैसा ही हो!
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